Brahmakumaris Harinagar
National Conference On ‘New Education For New India’ – 29th July 2019 At Dr Ambedkar International Centre, New Delhi On Monday
Brahmakumaris Harinagar
डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में संपन्न हुआ राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन
* यहां की आध्यात्मिक शिक्षा श्रेष्ठ संस्कारों का निर्माण करती है – मनजिंदर सिंह सिरसा
* भारत को विश्वगुरु बनाने हेतु मूल्य-आधारित शिक्षा आवश्यक है – बी.के. शिवानी
* आज 80% बीमारियां मनोदैहिक हैं, सकारात्मक संकल्पों की शक्ति हमें शीघ्र हील करती है – डॉ. मोहित गुप्ता
नई दिल्ली, हरिनगर। ब्रह्माकुमारी संस्था के शिक्षा प्रभाग द्वारा “विश्व एकता और विश्वास हेतु नई शिक्षा” विषय पर डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित शिक्षकों का राष्ट्रीय महासम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन में दिल्ली-एनसीआर तथा देश के विभिन्न प्रांतों से पधारे लगभग 500 शिक्षाविदों ने भाग लिया।
दो सत्रों में संचालित इस कॉन्फ्रेंस को देश के शीर्ष शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों एवं आध्यात्मिक नेताओं ने संबोधित किया। वक्ताओं ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली में विज्ञान व तकनीक के साथ-साथ मानवीय मूल्यों, नैतिक ज्ञान और आध्यात्मिक प्रज्ञा के समावेश पर बल दिया।
इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि, दिल्ली सरकार के उद्योग मंत्री तथा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि “ब्रह्माकुमारीज़ विश्व की सबसे बड़ी संस्था है जो नारी शक्ति का परिचायक है। यहां की आध्यात्मिक शिक्षा श्रेष्ठ संस्कारों का निर्माण करती है।” उन्होंने राजयोग विचार प्रयोगशाला प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इसे अद्भुत बताया।
सम्मेलन का मुख्य आकर्षण प्रेरक वक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी रही। उन्होंने सहज राजयोग शिक्षा को मानव जीवन, चरित्र और समाज उत्थान का आधार बताते हुए कहा – “सृष्टि का आरंभ संकल्पों से होता है और मानव संसार संस्कारों से निर्मित होता है। बाहरी संसाधनों के उपयोग से पहले व्यक्ति का आंतरिक सशक्तिकरण आवश्यक है। आध्यात्मिक ज्ञान और सहज राजयोग ध्यान के माध्यम से हम जीवन में सुखद, सफल और सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं तथा प्रकृति के दोहन को रोक सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास, आध्यात्मिकता और मूल्य-आधारित शिक्षा के आधार पर ही भारत पुनः विश्वगुरु बन सकता है और धरती पर विश्व शांति, एकता एवं भाईचारे की स्थापना संभव है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा संस्थान (AICTE) के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने छात्रों में बढ़ते अवसाद पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा – “आज हर तीसरा विद्यार्थी अवसादग्रस्त है। केवल तकनीकी शिक्षा ही पर्याप्त नहीं है, इसके साथ आंतरिक प्रज्ञा और आत्मबल को बढ़ाने वाली आध्यात्मिक शिक्षा भी आवश्यक है। ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा संचालित ‘स्वयं पोर्टल’, राजयोग लैब और अन्य आंतरिक सशक्तिकरण प्रणालियाँ इस दिशा में सराहनीय प्रयास हैं।”
शिक्षा प्रभाग के अध्यक्ष, राजयोगी बी.के. मृत्युंजय ने कहा – “नई शिक्षा, नये संस्कार और नई सृजन प्रक्रिया का कार्य स्वयं परमात्मा द्वारा प्रजापिता ब्रह्मा के माध्यम से कराया जा रहा है, और इसी से भारत विश्वगुरु बनेगा।”
इस अवसर पर मुख्य आयोजिका राजयोगिनी बी.के. डॉ. शुक्ला ने आंतरिक सशक्तिकरण हेतु राजयोग साधना को आधार बताया। गुजरात से पधारी युवा प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी बी.के. चन्द्रिका ने सम्मेलन के मुख्य विषय पर प्रेरक विचार रखे।
कार्यक्रम के समापन पर राजयोगिनी बी.के. आशा ने राजयोग ध्यान द्वारा सामूहिक डिवाइन हीलिंग का अभ्यास कराया, जिससे उपस्थित जनसमूह ने आंतरिक शांति, शक्ति और सुखद स्थिति का गहन अनुभव किया।
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Janmasthami Celebration at Brahmakumaris Hari Nagar Delhi.
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